आखिर चौरसिया समाज के नाम पर बनाए गए बड़े-बड़े संगठनों की भूमिका क्या है, बड़ा सवाल ?
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आज 21 वीं सदी का 2021 बीत रहा है। दुनिया कहां से कहां पहुंच गया है। इसमें चौरसिया समाज भी पीछे नहीं है। बड़े -बड़े समारोह आयोजित करने से लेकर फाइव स्टार होटलों में गरीब कन्याओं की शादी -विवाह से लेकर परिचय सम्मेलन आयोजित करने तक का फेहरिस्त दास्तां है। पर, एक बात तो है कि विकास की कड़ी में चौरसिया समाज के एक भी संगठनों ने अपने समाज के लिए आपदा राहत कोष नहीं बना पाया है। ऐसी स्थित में आपदा की स्थिति में सरकारी मुँह जोहने के अलावे और दूसरा विकल्प नहीं सूझता। कम से कम आपदा की स्थित में हम कितने सक्षम हैं, यह भी संगठनों को विचार करना चाहिए।
पान बरेज में तकरीबन हर साल आग लगने की शिकायत खबरों की सुर्खियां बनती है। पर, समाज सिर्फ तमाशा देखता है। उनके मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाता। सरकारी अनुदान मिल गया तो ऊंट के मुंह में जीरे के समान राहत मिल गया, वर्ना हश्र आपको बताने की जरूरत नहीं है।
सतना जिले में पान बरेज में भीषण आग से 6 पान किसान तबाह हो गए, लेकिन मदद सिर्फ सरकार से उम्मीदी-नाउम्मीदी के झूले में झूल रहा है।
सतना जिले के मैहर थाना अंतर्गत हरनामपुर में 6 किसानों के पान बरेज आग से खाक हो गए। जानकारी के मुताबिक रविवार दोपहर को तकरीबन 1 बजे अचानक आग लग गई और तेज हवा के कारण देखते ही देखते बड़े इलाके में फैल गई। यह बात पता चलते ही किसानों ने डॉयल 100 और फायर ब्रिगेड को सूचित करते हुए बचाव के प्रयास शुरू कर दिए, मगर कोई भी कोशिश सफल नहीं हो पाई। नगर परिषद का दमकल वाहन भी जब तक मौके पर पहुंचा, लेकिन आग की लपटों और हवा की वजह से खासी मुश्किल का सामना करना पड़ा। जब तक आग पर काबू पाया जाता तब तक सबकुछ खाक हो चुका था।
आगजनी में कटिया निवासी संदीप चौरसिया और रामनरेश चौरसिया के साथ ही पुरानी बस्ती निवासी हरीलाल चौरसिया, दिनेश चौरसिया, रामशरण चौरसिया और छकौड़ीलाल चौरसिया के बरेज नष्ट हो गए। सभी किसानों को लाखों की क्षति हुई है।
पीडि़तों ने पुलिस के साथ ही राजस्व विभाग को आग लगने की सूचना देते हुए क्षतिपूर्ति दिलाए जाने की गुहार लगाई है। – Suresh Chaurasia,9810791027,8010955411