विश्व के लगभग 8 अरब की जनसंख्या में सभी विभिन्न कारणों से अनगिनत समूहों में अपनी अपनी कार्यशैली ,परस्पर सहयोग से पहचान बनाता रहा है । वैश्विक स्तर पर यहूदी की अपनी पहचान है । भारत में सिक्ख ,सिन्धी ,मारवाड़ी ,कायस्थ …सभी की अपनी पहचान वर्षों से है । हमारी पहचान कैसे होती है ?हम अपने आपको क्या समझते हैं ? आपस में ,हम एक दूसरे को किस स्तर पर पहचान बनाए हैं ?वहीं अन्य समाज के द्वारा हमारी क्या पहचान हैं ?

हम यह palteform आप सभी श्रोताओं पर छोड़ते हैं ? यदि अपने इस पेज को पढ़ है तो अपना विचार अवश्य दें । आपका नीचे दिए गए कॉमेंट बॉक्स में आपकी सक्रियता बताएगा कि आपका समाज कैसा है ! चुप रह कर मतलब परस्त न बनें । अपसभी से अपेक्षा है कि अपने आस पास के अन्य समाज की गति विधि पर ध्यान देकर उनके सफलता के कारण को यहाँ शेयर कीजिए जिससे आपके समाज के प्रत्येक बंधुओं को कुछ नया करने का प्रेरणा मिलेगा ।

अन्य समाज की अनुकरणीय कदम

हम निम्न में आप के द्वारा दिए गए विवरण को सधन्यवाद प्रकाशित करेंगें –

15/10/23 by Sh.RamSurat Chaurasia,Ayodhya (Shared at चौरसिया सामाजिक विकास मंच अयोध्या Wapp ग्रुप)

यादव समाज को आरोपित करने वाली अतिपिछड़ी जातियाँ यादव से ईर्ष्या नहीं,प्रतिस्पर्धा करें

यूपीएससी में 32 यादव की सफ़लता में किसी नेता की दया नहीं

     संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी)-2022 का परीक्षा परिणाम घोषित 23 मई को घोषित हुआ,जिसमें 32 यादव उपनाम वाले अभ्यर्थी सफल हुए, जो उनकी मेहनत, आत्मविश्वास, दृढ़ इच्छाशक्ति,मजबूत इरादे, जुनून और प्रतिस्पर्धा का परिणाम है,न कि किसी नेता और सरकार की कृपा की देन है। जो पढ़ेगा वही बढ़ेगा की बात सच कर दिखाया है हमारे यादव समाज के होनहार युवाओं ने। यदि खुद में कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो मंजिल मिल ही जाती है। गैर यादव निषाद, लोधी, मौर्य, कुशवाहा, पाल, प्रजापति, विश्वकर्मा, सबिता, बिन्द आदि अतिपिछड़ी जातियाँ यादव समाज को कोसने, आरोपित करने की बजाय उनकी नकल कर अपनी अक्ल खोले, उनसे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा/कंपटीशन करें।यादव को हकमार नहीं हकदार समझें और अपनी हकदारी के लिए सकारात्मक सोच के साथ लक्ष्य निर्धारण कर लक्ष्य प्राप्ति का प्रयास करें। 
   जब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग-2011 का अंतिम परिणाम 14 अगस्त 2013 को आया तो 30 में 5 यादव एसडीएम चयनित हुए। भाजपा ने दुष्प्रचार कर मीडिया ट्रायल करा कर प्रचारित कराया कि 86 में 56 यादव एसडीएम चयनित करा दिये गये। सच की जाँच पड़ताल किए बिना सारी गैर यादव पिछड़ी जातियाँ यादवों को हकमार  मान पिछड़ी जातियों के आरक्षण की सबसे बड़ी दुश्मन भाजपा के बहकावे में आकर उसकी जाल में फँस गयीं। जबसे भाजपा की उत्तर प्रदेश में सरकार बनी है, खुलेआम जातिवाद का नंगा नाच किया जा रहा है, आरक्षण कोटे की खुलेआम हकमारी की जा रही है। 69,000 शिक्षक भर्ती, जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया, गोरखपुर विश्वविद्यालय, बांदा कृषि विश्वविद्यालय, उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा प्रोफेसर भर्ती, अशासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य भर्ती आदि में खुलेआम ठाकुरवाद,ब्राह्मणवाद,सवर्णवाद किया जा रहा है। अभी 16 मई को 1468 वीडीओ भर्ती का विज्ञापन आया है। उत्तर प्रदेश आरक्षण नियमावली के अनुसार 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण कोटा के अनुसार ओबीसी को 396 पद मिलना चाहिए, लेकिन मात्र 139 पद ही देकर 257 पद की लूट की गई है। इसी तरह 2 प्रतिशत कोटा के अनुसार एसटी को 29 पद की बजाय मात्र 7 पद देकर 22 पदों की लूट की गयी है। जाति जाति का अहम त्याग कर वर्गीय हित, सम्मान और अधिकार के लिए एक होकर लड़ने की तैयारी करिए। भाजपा कभी पिछड़ों वंचितों की हितैषी नहीं हो सकती है।


यूपीएससी में सफल यादव उम्मीदवार-

1- अनिरुद्ध यादव रैंक 8
2- शिवम यादव रैंक 21
3- सूर्यभान अच्छेलाल यादव रैंक 27
4- स्पर्श यादव रैंक 51
5- अक्षांश यादव रैंक 109
6- रजत यादव रैंक 111
7- आरंक्षा यादव रैंक 201
8- पूजा यादव रैंक 219
9- शुभम कुमार यादव रैंक 263
10- अजय यादव रैंक 276
11- प्रद्युम्न यादव रैंक 318
12- अल्का यादव रैंक 386
13- अंकित यादव रैंक 429
14- अभिजीत सिंह यादव रैंक 440
15- यादव यशुधारा रैंक 475
16- दीपक यादव रैंक 495
17- विनय कुमार यादव रैंक 496
18- गौरव यादव रैंक 503
19- विकास यादव रैंक 555
20- दीपेश यादव रैंक 568
21- वरुण यादव रैंक 596
22- ऋषभदेव यादव रैंक 615
23- जयकुमार यादव रैंक 634
24- धीरज यादव रैंक 641
25- ऋषभ यादव रैंक 643
26- अक्षिता यादव रैंक 649
27- सर्वेश्वर यादव रैंक 653
28- गणपत राम यादव रैंक 665
29- अतुल यादव रैंक 679
30- राहुल कुमार यादव रैंक 696
31- विवेक यादव रैंक 718
32- अमित कुमार यादव रैंक 756
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग-2023 के परिणाम में 8 यादव एसडीएम, 4 पीपीएस,3 डायट प्राचार्य सहित 27 यादव पीसीएस चयनित हुए। मुलायम सिंह यादव जी व अखिलेश यादव की सरकारों में भी कभी 8 यादव एसडीएम चयनित नहीं हुए थे। य़ह उपलब्धि यादव समाज के बच्चों की कड़ी मेहनत, सतत प्रयास और भावशीलता का परिणाम है।
इसलिये यादव भाइयों को कोसे नहीं, उनसे सीखें, उनकी नकल व उनसे प्रतिस्पर्धा कर आगे बढ़ने का प्रयास करिए।
1.Education is must for the developments.
2.Politics is must for the rights.
3.Unity is must for the power.