हमार मंदिर का अस्तित्व खतरे में
लगभग 150 वर्ष पहले स्वजाति जमींदार स्व0 श्री मुन्ना लाल तंबोली जो उस समय नील के किसान और व्यापारी थे ने 1872 में अपने एक दिन की कमाई से उपर्युक्त मंदिर बनवाया । जिनकी छठही पीढ़ी अब इसका देख भाल तो कर रही है लेकिन आज 14/10/23 को श्री गोविंद चौरसिया ,कन्नौज के द्वारा पता चला कि पड़ोस के सरस्वती शिशु मंदिर के प्राध्यापक ही इसे कब्जा करने में लगे हैं ।