आइये,अपने अपरिचित से मिलिये -सन 1952 से सोये हैं - सामाजिक क्रांति का हिस्सा बनिए ! नहीं तो,अभी नहीं तो,कभी नहीं
KANT शाहजहांपुर, का एक छोटा सा कस्बा है जहां अपने लगभग 30 घर हैं।इसमें सब छोटे मोटे काम जैसे दुकान ,खोखे,ठेले से जीवन यापन करते हैं।अभी पिछले कुछ वर्षों में कुछ विकास हुआ है तो कुछ दुकानें भी (जैसे ज्वैलरी,साइबर कैफे,हार्डवेयर आदि ) खुली हैं।